मां के हाथों का वजन
हमेशा की तरह सभी स्टाफ रूप में बैठकर लंच टाइम का भोजन कर रहे हैं। आज नितेश रोटी नहीं ला पाया ,छोके हुए चावल ही है। पत्नी की तबीयत कुछ नासाज है।
धीरज ने अपना टिफिन देखकर कहा_ मेरे डिब्बे में आज वैसे भी 6 रोटी है। सब्जी भी रोज से कुछ ज्यादा ही है। इसमें से ले लो।
नितेश ने जैसे ही हाथ में रोटी ली बोल उठा_लगता है मां घर पर आई है।
धीरज ने कहा_ हां मां के हाथ की रोटी थोड़ी मोटी है। आज बच्चे की तबीयत कुछ ठीक नहीं है इसलिए मां ने रोटी बनाई है। इस उम्र में मां से काम नहीं होता। जैसे तैसे मोटी रोटी बना कर दी है।
धीरज सोचने लगा आज सुबह पराठे भी कुछ मोटे थे। सही है मां के हाथों में वजन होता है। भले ही सर पर रखे, पीठ पर रखे या पेट के लिए कुछ करें।
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